पक्षियों का चहचहाना किसे अच्छा नहीं लगता, लेकिन आपको याद है कि कब आपने इन पक्षियों की सुरीली आवाजें सुनीं या कब इन्हें करीब से देखा था? नहीं, तो इस बार विश्व पर्यटन (27 सितंबर) पर चलिए वहां जहां है परिदों की अलग दुनिया…
भले ही आज पेड़ पौधों और घर-आंगन में पक्षियों के चहकने की आवाजें कम सुनाई देती हैं, लेकिन शायद ही कोई होगा, जिन्हें इनकी सुरीली आवाजें पसंद न आती हों। आजकल शहरों में इन पक्षियों की मीठी चहचहाने वाली आवाजें आपके कानों में नहीं गूंजती, लेकिन इनकी भी एक दुनिया है, जहां न सिर्फ पक्षियों का बसेरा है, बल्कि आप उन्हें निहार कर उनकी खूबसूरती को सराह भी सकते हैं।
भरतपुर पक्षी अभयारण्य
राजस्थान का भरतपुर पक्षी अभयारण्य अद्र्भुत जगह है। यह न सिर्फ देशी, बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी खूब आकर्षित करता है। पक्षी प्रेमियों के लिए तो यह बेमिसाल जगह है। इसे केवलादेव नेशनल पार्क के नाम से भी जाना जाता है। यहां 230 से ज्यादा प्रजाति के पक्षी निवास करते हैं। इसके अलावा, इस पार्क में 50 प्रजाति की मछली, 7 प्रजाति के उभयचर, 13 किस्मों के सांप, 7 प्रजाति के कछुए, 5 प्रजाति की छिपकली व अन्य जीव-जंतु भी पाए जाते हैं। अच्छी बात यह है कि यहां पर 379 से अधिक किस्मों के फूल भी देखे जा सकते हैं। पर्यटन आकर्षण होने के साथ यह यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व विरासत स्थल भी है। 1971 में इसे संरक्षित पार्क घोषित किया गया था। जाड़े के मौसम में यहां हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी प्रजनन के लिए आते हैं। इस दौरान पर्यटकों के लिए ये पक्षी खास आकर्षण होते हैं। यहां का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन भरतपुर जंक्शन है। भरतपुर सड़क के रास्ते अन्य शहरों से अच्छी तरह जुड़ा है। जयपुर, मथुरा, दिल्ली, अलवर और अन्य आसपास की जगहों से नियमित बसें चलती हैं।
सुल्तानपुर पक्षी अभयारण्य
दिल्ली के आसपास पक्षी प्रेमियों के लिए यह अभयारण्य किसी स्वर्ग से कम नहीं है। हरियाणा के गुरुग्राम जिले में स्थित इस अभयारण्य में पक्षियों की लगभग 250 प्रजातियों पाई जाती हैं। खासकर सर्दी के मौसम में साइबेरिया, यूरोप, अफगानिस्तान के साथ दूसरे क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में पक्षी आते हैं। यहां आने वाले पक्षियों में साइबेरियन सारस, ग्रेटर फ्लेमिंगों, पिनटेल, पीला वेगटेल, सफेद वेगटेल, गुलाबी हवासील, यूरेशियन विजिओन आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा, यहां बिल बतख, यूरेशियन थिक निज, छोटे बगुले, सफेद गले वाले किंगफ़िशर, नीलकंठ, कॉमन हुप्स, इंडिया क्रेस्टेड लाकर्स आदि देखे जा सकते हैं। इसे 1972 में पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया था। यह जगह पक्षी प्रेमियों के लिए तो है ही, साथ में बेहतरीन पिकनिक स्पॉट भी है। यहां प्रवासी पक्षी अक्टूबर से जनवरी के महीने मने आवास करते हैं। यहां पर पक्षियों को निहारने के लिए टॉवर भी बने हुए हैं। यह अभयारण्य गुरुग्राम फर्रुखनगर-झज्जर हाइवे पर स्थित है। यह गुड़गांव से लगभग 20 किलोमीटर की दुरी पर है।
कुमारकोम पक्षी अभयारण्य
वेम्बानड झील के किनारे करीब 14 एकड़ में फैला कुमारकोम पक्षी अभयारण्य विभिन्न प्रजाति के पक्षियों का खूबसूरत बसेरा है। यह केरल के कोट्यम शहर से करीब 16 किमी. की दुरी पर स्थित है। झील के पूर्वी तट पर स्थित छोटे-छोटे द्वीपों का समूह है। यहां इंडियन डार्टर, इग्रेट्स, बगुले, सफेद इबिस, किंगफिशर, पिन-टेल्ड बतख, स्पॉट-बिल्ड बतख, ओस्प्रे, मार्श हैरियर, स्टेपी इंगल जैसे पक्षी देखे जा सकते हैं। यहां का दृश्य किसी पेंटिंग की तरह नजर आता है, मानो किसी ने अपने कल्पना से चित्रकारी की हो। खुले आसमान में एक साथ झुंड में उड़ते पक्षी, हरे-भरे पेड़, सूर्यास्त और सूर्योदय का मनमोहक नजारा बड़ा ही मनमोहक लगता है। यहां आने वाले पक्षी प्रेमी काइपुझा मुत्तु, पतिरमनल, नरकतरा और पुटपंडी कायल जाकर कम से कम सौ की संख्या में स्थानीय और प्रवासी पक्षियों की प्रजातियों को देख सकते हैं। प्रवासी पक्षियों के देखने के लिए अक्टूबर से फरवरी का समय सबसे अच्छा माना जाता है। जहां पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन कोट्यम है, जो लगभग 16 किमी. की दुरी पर है। निकटतम हवाई अड्डा कोचीन में है।
स्लिम अली पक्षी अभयारण्य
गोवा जाने वाले पर्यटक मंडोवी नदी के पास स्थित सलीम अली पक्षी अभयारण्य की सैर कर सकते है। यहां बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी देखे जा सकते हैं। खासकर पक्षी प्रेमियों के लिए यह भारत के सबसे अच्छे पक्षी अभ्यारण्यों में से एक है। यहां गौरैया, मोर तोते, हवासील, किंगफ़िशर के अलावा, कई और तरह के पक्षी देखे जा सकते हैं। यह गोवा के सबसे अच्छे स्थानों में से एक है। मंडोवी के किनारे शांत वातावरण में पक्षियों की चहचहाहट एक अलग ही दुनिया का एहसास कराता है।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क
पक्षी प्रेमियों के लिए देश का सबसे पुराना जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यह उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है। पार्क में पक्षियों की करीब 500 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। घने जंगल और खूबसूरत लैंडस्केप के बीच विभिन्न प्रजाति के पक्षियों की सुरीली आवाजें एक अलग ही एहसास कराता है। खास कर सर्दी के मौसम में सोलुना रिजॉर्ट और कालागढ़ डैम प्रवासी पक्षी को देखने का सबसे बढ़िया स्पॉर्ट है। इस नेशनल पार्क में पारकिट्स, मैगपाई-रोबिन्स, बुलबुल, बी-इटर्स, फ्लाईकेचर्स आदि देखे जा सकते हैं।