moriches |
दुनिया के खूबसूरत देशों में एक मॉरिशस के चप्पे- चप्पे पर प्रकृति का सौंदर्य बिखरा हुआ है। बात चाहे न्यू ईयर सेलिब्रेशन या हनीमून की हो या फिर जैव-विविधता को करीब से महसूस करने की हो… ड्रीमलैंड सरीखा यह देश पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है। यहां पर बहुत कुछ ऐसा हैं, जिसे देखकर आपको काफी हद तक अपने देश जैसा यानी भारतीयता का अहसास होगा…
हिंद महासागर में स्थित मॉरिशस का रूमानी नजारा ऐसा हैं कि पर्यटक इसकी तरफ बरबस ही खिंचे चले आते हैं। दूर-दूर तक नीले पानी में अटखेलियां करती लहरें। खूबसूरत बीचेज पर बिछी सफेद चमकती रेंत… ऐसा लगता है मनो इस छोटे-से देश को कुदरत ने खुद अपने हाथों से सजाया हो। दरअसल, यह ऐसा देश है, जहां एक ही जगह भारत,चीन, यूरोप और अफ्रीका कि संस्कृतियों का अदभुत संगम दिखाई देता हैं।
कण-कण में भारतीयता
मॉरिशस में भारतीय मूल के लोगों की बड़ी आबादी हैं। यहां आने के बाद आपको अहसास होगा कि यह देश कुछ- कुछ भारत जैसा ही है। यहां की कुल आबादी बड़ा हिस्सा भारतीय मूल के लोग का है। यही वजह है कि यहां पर भारतीय पर्यटक अपनापन महसूस करते हैं। अंग्रेजो, क्रियोल, फ्रेंच के अलावा, हिंदी और भोजपुरी में बोलते हुए लोग आसानी से दिखाई दे जाएंगे। हिंदुओं की आस्था वाला ‘द ट्रायोलेट शिवाला’ मॉरिशस का बड़ा गांव है। यहां का महेशवर नाथ मंदिर काफी प्रसिद्ध है। इसमें भगवान शिव, कृष्ण, विष्णु, ब्रह्मा और गणेश की प्रतिमाएं स्थापित हैं।
मुख्य आकषर्ण
पोर्ट लुई
मॉरिशस के इंटरनेशनल एयरपोर्ट सर शिवसागर रामगुलाम से करीब 30 किलोमीटर की दुरी पर राजधानी पोर्ट लुई है। पोर्ट लुई में परंपरा और आधुनिकता का संगम दिखाई देता है। बाजार ज्यादा भीड़ और रौनक वाले हैं। पर्यटकों के लिए दुकानें टैक्स फ्री हैं। जगह-जगह पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, बड़े ब्रांड की दुकानें, रेस्टोरेंट और कैसिनो मिल जाएंगे। यह पूरा शहर मोका रेंज की पहाड़ियों से घिरा है, इन्ही में ब्रिटिश द्वारा 1835 में बनाया गया फोर्ट एडिलेड और ला सिटाडेल प्रमुख हैं। सिटाडेल सबसे ऊंचाई पर बना फोर्ट हैं। यहां से फोर्ट लुई का भव्य नजारा दिखाई देता है। फोर्ट लुई थियेटर पर्यटकों को खूब आकर्षित करते हैं। आप ब्ल्यू पैनी, द मॉरिशस नेचुरल हिस्ट्री और मॉरिशस स्टाम्प म्यूजियम की सैर भी क्र सकते हैं।
बोटेनिकल पार्क
जैव-विविधतायों को करीब से महसूस करना हो तो बोटेनिकल गार्डन जाना न भूलें। इस पर्यटक को पेंपलेमूजेज बोटेनिकल गार्डन या एसएसआर (शिवसागर रामगुलाम) बोटेनिकल गार्डन के नाम से भी जाना जाता है। यह लोकप्रिय पर्यटक स्थल है। 17वीं सदी में एक फ्रेंच गवर्नर ने इसे प्राइवेट गार्डन के रूप में विकसित किया था। यह यहां के सबसे पुराने पार्कों में से एक है। यह पोर्ट लुई शहर के पास ही स्थित है। इस पार्क की खासियत है कि यहां पर 650 से अधिक किस्म के पेड़-पौधे पाए जाते हैं। इनमें पाम के पेड़ की करीब 85 किस्में हैं। यह पार्क वाटर लिली के लिए भी लोकप्रिय है। पार्क में लगाए गए पेड़ दुनिया के अलग-अलग देशों से लाए गए हैं। दुनिया के कई बड़े नेताओं ने यहां पर पेड़ लगाए हैं, जिनमें नेल्सन मंडेला, इंदिरा गांधी का नाम भी शामिल है।
ब्लैक रिवर जॉर्ज नेशनल पार्क
यह नेशनल पार्क मॉरिशस के साउथ-वेस्ट हिस्से में स्थित है। साइटसीइंग के लिहाज से यह खूबसूरत जगह है। इस घने जंगल में फूलों की करीब 300 किस्में पाई जाती हैं। नेचर लवर्स के लिए यह बड़ी ही खूबसूरत जगह हैं। दुनिया के कुछ दुर्लभ पक्षी अब यहीं दिखाई देते हैं। आपको फ्लाइंग फॉक्स, मॉरिशस केस्ट्रेल, पिंक पिगन, पाराकीट,बुलबुल, ऑलिव व्हाइट आई आदि यहीं दिखाई देंगे।
इले ओक्स सर्फ
यह मॉरिशस के ईस्ट कोस्ट में स्थित है। दूर-दूर कट फैले नीले सागर, सफेद बालू और ताड के पेड़… इस बिच की खूबसूरती में चार-चांद लगा देते हैं। यहां आप स्कूबा डाइविंग, वॉटर-स्कीइंग या फिर स्नोर्कलिंग जैसे वॉटर स्पोर्ट्स का भरपूर लुत्फ़ उठा सकते हैं। यहां बोट के जरिए पहुंचा जा सकता है। खास बात यह है कि यहां पर कई इंडियन रेस्टोरेंट्स भी मिल जाएंगे।
ग्रांड बेसिन
ग्रांड बेसिन को गंगा तालाब भी कहा जाता है। यह मॉरिशस में रह रहे हिंदुओं का पवित्र स्थल है। यह लेक समुद्र तल से करीब 1800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। कुछ ही दूरीपर भगवान शिव की 108 फीट ऊंची कांसे की मूर्ति है। मॉरिशस में रहने वाले हिन्दू शिवरात्रि के दिन यहीं आकर पूजा-पाठ करते हैं। यहां भगवान शिव के साथ हनुमान और लष्मी की मूर्तियां भी हैं।
चेमारेल पार्क
चेमारेल पार्क में सेवन कलर्ड अर्थ पर्यटकों को खूब आकर्षित करत है। जियोलॉजिकल बनावट की वजह से यहां पर धरती सात रंगों में दिखाई देती है। सुबह की रोशनी में रंगों की चमक आपके मन को मोह लेगी। यहां का एक और आकर्षण चारों तरफ हरियाली से घिरा चेमारेल वाटरफॉल है।
ट्रयू ऑक्स सर्फ
क्योरेपाइप शहर का मुख्य आकर्षण ट्रयू ऑक्स सर्फ है, जो की एक सुप्त ज्वालामुखी है। यहां, एक छोटा-सा लेक है। खास बात यह है कि यहां से मॉरिशस के अधिकतर हिस्सों का भव्य दृश्य दिखाई देता है। इसके अलाव, महबोर्ग शहर के पास एक छोटा-सा कोरल आइलैंड है इले ऑक्स एर्गेटिस। यह जैव विविधता का एक जीवंत खजाना है। इसे कई दुर्लभ वनस्पतियों और जन्तुओं के अभयारण्य के रूप में विकसित किया जा रहा है। मॉरिशस जाएं, तो यूरेका क्रियोल हाउस देखना न भूलें। यह इसलिए भी मशहूर है, क्योंकि इसे इस आइलैंड का सबसे बड़ा घर माना जाता है। इस घर में 109 दरवाजे और खिड़कियां हैं। म्यूजियम के रूप में विकसित होने वाले इस घर को पब्लिक के लिए 1986 में खोला गया था। यहां की यात्रा आपको पसंद आएगी।
कहां घूमें मॉरिशस में
- बे ड्यू टेमेरिन,बे ड्यू टॉम्ब्यू, बेले मेयर और ब्लू बे खूबसूरत बीचेज हैं। बे ड्यू टॉम्ब्यू पर कोको का सौंदर्य देखते ही बनता है।
- मोरिशस डोडो पक्षी के लिए मशहूर है। यह सिर्फ यहीं पाया जाता है।
- यहां बड़े कछुए मिलते हैं, जिन पर बैठकर सवारी भी कर सकते हैं।
- टेमेरिन फॉल्स के निचे नहाना एक अदभुत अनुभव हो सकता है। यहां सात वाटरफॉल्स का पानी एक ही जगह गिरता है।
- कैथडल कैव डाइविंग के लिए सबसे अच्छी जगह है।
- सर्फिंग के लिए बे ड्यू कैप और ली मोर्न जा सकते हैं।
- मोहबोर्ग गांव में आप कई प्राचीन इमारतें देख सकते हैं। यहां कैसिनो, पब, डांस क्लब आदि की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।
भारतीय व्यंजन
यहां पर भारतीय व्यंजनों की वैराइटीज आसानी से मिल जाती हैं। फ्लॉक मार्केट मोरिशस का बड़ा बाजार है। यहां वीकली हॉट लगता है। यहां खाने-पीने की चीजों की वैराइटी आपके मुंह में पानी ले आएगी।
कब जाएं
मोरिशस समुद्र के किनारे बसा है, इसलिए यहां ह्यूमिडिटी रहती है। अगस्त से फरवरी का महीना सबसे अच्छा माना जाता है। इस खूबसूरत शहर में नया साल मनाने का अपना अलग ही मजा रहेगा।